जो लोग कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य फासिज्म का मुक़ाबला करना है वह यह बताएं कि क्या १९७५ का आपातकाल फासिज्म नहीं था ? राहुल गाँधी ने कभी उसकी भर्त्स्ना की ? एक बार राहुल गाँधी ने अवश्य कहा कि आपातकाल ग़लत था, पर इंदिरा गाँधी की घोर निंदा नहीं की, न आपातकाल में हुए व्यापक ज़ुल्मों का वर्णन किया I यह तो वैसा ही हुआ जैसे मनमोहन सिंह ने सिखों के नरसंहार के लिए माफ़ी मांग ली I सौ सौ चूहे खा के बिल्ली हज को चली I
कुछ लोग कहते हैं की राहुल गाँधी जनता के असल मुद्दे उठा रहे हैं I पर मुद्दे तो कोई भी उठा सकता है I क्या राहुल गाँधी के पास देश में भीषण और व्यापक ग़रीबी, भुखमरी, बेरोज़गारी, महंगाई आदि को समाप्त करने की कोई स्पष्ट योजना है ? कुछ भी नहीं I वास्तव में भारत जोड़ो यात्रा सिर्फ एक नौटंकी है I इसका एक ही उद्देश्य है गाँधी परिवार को फिर से सत्ता दिलाना I सत्ता के बाहर कांग्रेसी उसी तरह तड़प रहा है जैसे मछली पानी के बाहर तड़पती है I
इस यात्रा से क्या व्यापक जातिवाद और साम्प्रदायिकता पर ज़रा भी असर पड़ेगा ? वह मूर्ख हैं जो ऐसा समझते हैं I
उसको समाप्त करने के लिए एक महान जनक्रांति की आवश्यकता है जो अभी कहीं नहीं दिखाई देती I मगर दुर्भाग्य से भारत के लोगों की अविकसित समझ के कारण वह ऐसे जाल में फँस जाते हैं, और बन्दर जैसे एक मदारी के सामने नाचने लगते हैं
True and precisely on the point. Ask Rahul Gandhi to cook something, he won’t be able to. Never worked in any other organisation than Congress. Everytime he opens his mouth, only poison is spewed. He thinks he is a prince, which he is not.
Congress thinks everyone who are not connected to Congress were never involved in the fight against the British. They think those have dropped from the sky after independence. Even those who were loyal to Congress have now left are also fools.
Grow up and it is really time to get congress to zero and just get rid of them
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