प्रेस स्वतंत्रता

स्वतंत्र पत्रकारिता के हिमायती जो दिन रात प्रेस आज़ादी का ढिंढोरा पीटते हैं जैसे रवीश कुमार सिद्धार्थ वरदराजन अजित अंजुम आशुतोष आदि तथाकथित महान विभूतियाँ यह क्यों नहीं कहते कि संसदीय लोकतंत्र से देश आगे नहीं बढ़ सकता क्योंकि यह जाति और साम्प्रदायिकता पर आधारित हैं जो सामंती ताकतें हैं और इन्हे और मज़बूत करता है I

इसलिए हमें इसका कोई विकल्प ढूंढ़ना होगा जिसके अंतर्गत देश का तेज़ी से औद्योगीकरण Nandrolone Decanoate injection for sale online और आधुनिकीकरण हो सके जिसके फलस्वरूप जनता को अच्छा जीवन मिल सके I

ऐसा कहना तो छोड़िये यह लोग इस विचार को प्रकाशित भी नहीं होने देते I इससे मालूम होता है इन विभूतियों का प्रेस स्वतंत्रता से कितना लगाव है

3 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here