आप लोग सच्चाई से क्यों भागते हैं ?
हकीकत यह है कि जनता की भाषा हिंदुस्तानी या खड़ीबोली है I हिंदी एक कृत्रिम भाषा है जिसको बनाने का मक़सद था हिन्दू मुस्लिम को लड़वाना, यह प्रचार करके कि हिंदी हिन्दुओं की और उर्दू मुसलमानों की भाषा है, जबकि १९४७ तक उर्दू सभी शिक्षित लोगों की भाषा थी I
फूट डालो और राज करो नीति 1857 की बगावत के बाद अंग्रेजों ने शुरू की. अंग्रेज़ों के मुख्या पिट्ठू भाषा के मामले में भारतेंदु हरिश्चंद्र थे I
हिंदुस्तानी ( या खड़ीबोली ) में कहेंगे उधर देखिये I हिंदी में कहेंगे उधर अवलोकन कीजिये I आम आदमी कभी नहीं कहेगा उधर अवलोकन कीजिये I
जब मैं इलाहबाद उच्च न्यायलय में न्यायाधीश था तो एक वकील साहेब जो हमेशा हिंदी में बहस करते थे ने मेरे सामने एक याचिका दायर की जिसका शीर्षक था प्रतिभू आवेदन पत्र I मैंने वकील साहेब से पूंछा कि यह प्रतिभू आवेदन पत्र क्या होता है ? उन्होंने जवाब दिया ज़मानत की दरखास्त I
मैंने कहा ज़मानत या बेल कहोगे तो सब समझ जाएंगे मगर प्रतिभू कोई नहीं समझता I हकीकत है कि क्योंकि ज़मानत शब्द फ़ारसी भाषा का है इसलिए उससे नफरत है I इसी तरह हज़ारों शब्द जो अरबी या फ़ारसी भाषा के थे वह हिंदुस्तानी में आ गए, और उन्हें आम आदमी भी इस्तेमाल करने लगा I मगर कट्टरवादी लोग १९४७ के बाद उन्हें चुन चुन के निकाल कर उनके जगह संस्कृत के शब्द रखने लगा जिन्हे आम आदमी नहीं जानता था I
यह ग़लत धारणा है कि कोई भाषा विदेशी शब्दों को लेने से कमज़ोर हो जाती है I वास्तव में वह ऐसा करने से और शक्तिशाली हो जाती है, जैसे अंग्रेजी भाषा जिसने दुनिया के तमाम भाषाओँ के शब्द अपनाये, जिससे वह और शक्तिशाली बन गयी
Can you be more specific about the content of your enticle? After reading it, I still have some doubts. Hope you can help me.
перепродажа аккаунтов магазин аккаунтов
купить аккаунт купить аккаунт с прокачкой
заработок на аккаунтах продажа аккаунтов соцсетей
безопасная сделка аккаунтов аккаунты с балансом
Accounts for Sale Accounts for Sale