सुप्रीम कोर्ट की फटकार का न्यूज चैनलों के नफरती एंकर्स पर कोई फर्क पड़ेगा ?

मेरा मानना है कि कुछ नहीं पड़ेगा I उसके दो कारण हैं (१) केवल डाँट फटकार का कोई मतलब नहीं होता जब तक डाँट सुनने के बावजूद अगर टीवी एंकर अपने तौर तरीक़े नहीं बदलते उन्हें सख्त सजा न मिले I साम्प्रदायिकता फैलाना इंडियन पीनल कोड की धारा १५३ ए और धारा २९५ ए के तहत दण्डनीय अपराध हैं I देखा गया है कि कोर्ट अक्सर साम्प्रदायिकता के ख़िलाफ़ भाषण तो देती आयी है, मगर इसे फैलाने वालों को दण्डित नहीं करती I कोरी बयान बाज़ी से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता (२) इन टीवी ऐंकरों की रोज़ी रोटी साम्प्रदायिकता फैलाने से चलती है I कोई भी अपने पेट पर लात नहीं मारेगा जब तक उसे यह भय न हो कि ऐसा करने से उसे कठोर दण्ड मिलेगा I यह टीवी एंकर समझते हैं कि अदालत की डाँट केवल गीदड़ भभकी और लफ़्फ़ाज़ी है और उन्हें कोई सजा नहीं मिलेगी, विशेषकर जब सरकार उनके समर्थन में है I

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here